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अमृत काल का गब्बर !

कालिया – सरदार, उसने आज हमारी ही ज़मीन पर खूँटा गाड़ा। गब्बर – अब आएगा मज़ा, सबने मेरा नमक खाया है। कालिया – लेकिन कोई इसके लिये गाली खाने को…

चल भगोड़े अब कर नाटक!

बॉस का चापलूस कर्मचारी भागते हुए ऑफिस में घुसा, “सर आज तो आपको मुझे 15 लाख का इनाम देना ही होगा तभी मैं मानूँगा आपकी 56 इंची छाती को।” “क्यों…

शाही ताना!

ये बहुत पुरानी बात है जब लगातार कई चुनाव भारी मतों से जीतने के बाद एक लोकतंत्र की सरकार ने देश के हित में तानाशाही लाने का फ़ैसला किया। स्वघोषित…

गौरव-पथ लथपथ

एक बूढ़ा बाप बेरोजगार बेटे की लाश लिए कर्त्तव्य पथ से गुज़र रहा है मेरा देश गर्व से भर रहा है। एक उन्मादी भक्ति मार्ग पर बूटों तले पीढ़ियों का…

मोक्ष का द्वार!!

सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है, देश की जनता को उनका कर्त्तव्य याद दिलाकर। इसे पूरी तरह से देश हित में उठाया गया कदम माना जा सकता है। आज़ादी…

लोकतंत्र की उड़ान!

एक बार की बात है, दो बगुले थे। आप चाहो तो उन्हें बगुला भगत भी कह सकते हो। उड़ते उड़ते दोनों अपनी प्यास बुझाने एक सरोवर के तट पर उतरे।…

राम (लला) राज!

कलयुग के ज़मीनी विवाद की पुरातात्त्विक खुदाई से देश में त्रेता युग के बाल कांड का प्रारंभ हुआ है। सरकार अब प्रभु के बाल चरित्र अवतार की ओर से धर्म…

अब क्या करेंगे आप!

बाप बन गया बेटा बेटा बन गया बापअब क्या करेंगे आप ज़्यादा कुछ बोला तो दे देगा वो श्रापतब क्या करेंगे आप नाम का स्वदेशी पर नौटंकी विदेशीजो नहीं माना…

आभासी बदलाव को अँगूठा !

वाल्मीकि की रामायण के नाट्य मंचन में रावण ने फिर सीता हरण के लिये साधु वेश धर लिया है। सोने का मृग सीता को लुभाने के लिये वन में डोल…

चुनावी होली !

रंगों की जब छूटी फुहारहम भी हुए तैयारप्रण कर लियानेता को रंग लगाएंगेबिल्ली के गले में घंटी बांधेंगेतभीगुझिया और भांग खायेंगे। धन्यभागनेताजी के दर्शन हुएश्वेत वस्त्र भी थे धुले हुएनेताजी…