क्या चाह करूँ !
कुछ तुम फ़िक़रे कसोकुछ मैं भी वाह वाह करूँ धुआँ मेरे घर का नहींतो मैं क्यों आह आह करूँ। ज़मीर…
कुछ तुम फ़िक़रे कसोकुछ मैं भी वाह वाह करूँ धुआँ मेरे घर का नहींतो मैं क्यों आह आह करूँ। ज़मीर…
ये उस राज्य की कहानी है जहां माना जाता है कि आज से सदियों पहले लोकतंत्र स्थापित हो चुका था।…
बचपन में जब मैं छोटा था तो मेरे लिये देश पहले आता था। इतना कि मैं स्कूल की लाइन में…
देश में चोर और चौकीदार को लेकर काफी समय से बहुत कुछ बोला जा रहा है। एक तरह से चोर…
वाल्मीकि की रामायण के नाट्य मंचन में रावण ने फिर सीता हरण के लिये साधु वेश धर लिया है। सोने…
एसीपी प्रद्युमन – सुनो दया और अभिजीत, आज से किसी भी केस में चौकीदार पर शक मत करना। दया –…
बापू!तुम मत आनाफिर सेये देखने किइतनी कुर्बानियों से मिलीआजादी काक्या हाल कर दिया हैहमनेसत्तर सालों मेंअपने ही लोगों कीदिमागी गुलामी…
तुम जिसे कहते हो सियासतबस एक कुर्सी का पंगा है। भैंस मर गयी खेती सूख गयीबाक़ी सब कुछ चंगा है।…
रंगों की जब छूटी फुहारहम भी हुए तैयारप्रण कर लियानेता को रंग लगाएंगेबिल्ली के गले में घंटी बांधेंगेतभीगुझिया और भांग…