भागवत कथा! – (तीन)
(गतांक से आगे) धृतराष्ट्र (आँखें मिचमिचाते हुए) – ‘अरे पुत्र दुर्योधन जरा संजयना को आवाज़ तेज़ करने को कहो।’ संजयना…
(गतांक से आगे) धृतराष्ट्र (आँखें मिचमिचाते हुए) – ‘अरे पुत्र दुर्योधन जरा संजयना को आवाज़ तेज़ करने को कहो।’ संजयना…
(गतांक से आगे) कक्ष में अकेले बैठे धृतराष्ट्र के मन में कई विचार उठ रहे हैं और वो चैनल खुलने…
महाभारत की मौजूदा स्थिति के जनक (त्रेता युग वाले नहीं) लेकिन दूरदृष्टि हीनता के कारण अब सिंहासन से दूर जा…
कौन कहता है इंसान कोलट्टू की तरह नचाया नहीं जा सकताखुद नाचना चाहो तोनाच सकते होबेशक नाचोनफ़रत की बीन परलेकिनराम…
वो देखेंगे ज़ालिम हैं जो वो भी देखेंगे वो देखेंगे जो अच्छे दिनों का वादा था वो झूठा तेरा इरादा…