• Fri. Oct 4th, 2024

सटायर हिन्दी

विद्रूपताओं का आईना

वो देखेंगे
ज़ालिम हैं जो वो भी देखेंगे
वो देखेंगे
जो अच्छे दिनों का वादा था
वो झूठा तेरा इरादा था

जब तेरे सारे जुल्मो सितम
पल भर में हवा हो जाएंगे
जब मज़लूमों के जिस्मों पर
वो खूनी डंडे बरसेंगे
और लहू बहकर मासूमों का
पांव तले से धरती खींचेगा

वो देखेंगे
ज़ालिम हैं जो वो भी देखेंगे
वो देखेंगे

जब अहंकारी दशानन के
सब बुत जलवाए जाएंगे
जब हर तबके के लोग यहाँ
आज़ादी के तराने गाएंगे
गद्दार भगाए जाएंगे
और फंदे भी चूमे जाएंगे

वो देखेंगे
ज़ालिम हैं जो वो भी देखेंगे
वो देखेंगे

ना ताज रहेगा हिटलर का
जो पहले था और अब भी है
जो हम सब की ही ग़लती है
बस राज चलेगा इन्सां का
जो हम भी हैं और तुम भी हो
उठेगा अपने हक़ का नारा
जो तुझको भी है मुझको भी

वो देखेंगे
ज़ालिम हैं जो वो भी देखेंगे
वो देखेंगे

(इस दुस्साहस के लिये फ़ैज़ साहब से माफ़ी के साथ)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *