नव गणतंत्र के सबक!
किसी गणतांत्रिक देश की राजनीति, आर्थिकी, समाज, तकनीक, न्याय और व्यवस्था में किसी भी तरह का बदलाव सरकारी तारीख़, समय और इजाज़त का मोहताज होता है। देश के इतिहास में…
भागवत कथा! – (तीन)
(गतांक से आगे) धृतराष्ट्र (आँखें मिचमिचाते हुए) – ‘अरे पुत्र दुर्योधन जरा संजयना को आवाज़ तेज़ करने को कहो।’ संजयना (तुरंत एक्शन में आकर टीपी पढ़ने लगते हैं) – ‘तो…
भागवत कथा! – (दो)
(गतांक से आगे) कक्ष में अकेले बैठे धृतराष्ट्र के मन में कई विचार उठ रहे हैं और वो चैनल खुलने के इंतज़ार में बेचैन हो कर दोनों हाथ सहला रहे…
भागवत कथा! – (एक)
महाभारत की मौजूदा स्थिति के जनक (त्रेता युग वाले नहीं) लेकिन दूरदृष्टि हीनता के कारण अब सिंहासन से दूर जा चुके धृतराष्ट्र कॉर्पोरेट नुमा महल के अपने कक्ष में बैठे…