तानाशाह का बिन्दुवार चरित्र (!) चित्रण
1. तानाशाह के पास न तो सेंस होता है और न ह्यूमर 2. तानाशाह व्यंग्य और उपहास में फ़र्क़ नहीं कर पाता 3. तानाशाह कायर, बेवकूफ़ और बेशरम होता है…
शाही ताना!
ये बहुत पुरानी बात है जब लगातार कई चुनाव भारी मतों से जीतने के बाद एक लोकतंत्र की सरकार ने देश के हित में तानाशाही लाने का फ़ैसला किया। स्वघोषित…
लोकतंत्र! अंतिम प्रणाम?
हर दिन बातों से तमाम करते हो सुना है कि तुम क़त्लेआम करते हो। बन गये हो दानिशमंद अब इतने सुई घुमा के सुबह को शाम करते हो। देखी नहीं…
सावधान!
कोई आधी रात के घोर अंधेरे में मेरे घर का दरवाज़ा ज़ोर ज़ोर से खटखटा रहा है। मुझे लगता है कि ये आपातकाल है! @भूपेश पन्त
लोकतंत्र की उड़ान!
एक बार की बात है, दो बगुले थे। आप चाहो तो उन्हें बगुला भगत भी कह सकते हो। उड़ते उड़ते दोनों अपनी प्यास बुझाने एक सरोवर के तट पर उतरे।…
राजा नंगा है !
तुम जिसे कहते हो सियासतबस एक कुर्सी का पंगा है। भैंस मर गयी खेती सूख गयीबाक़ी सब कुछ चंगा है। दरवाज़े पे कोई दे रहा दस्तकनेता है या भिखमंगा है।…