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मुद्दा ये नहीं है कि तस्वीर दिखलाई किसने
आख़िर सूरत वतन की ऐसी बनाई किसने?

जायज़ नहीं है कहना कितनों को भीख दी
तू ये बता कि भीख माँगनी सिखाई किसने?

दूध, गैस, चावल, चीनी सब महँगा हो गया
विकास की खीर पानी से ये पकाई किसने?

बचाने वालों ने ही जला डाला उस का घर
आग ये शोलों से यहाँ पर है बुझाई किसने?

हुक्काम समझा रहे हैं लाठी डंडे के ज़ोर से
आज़ादी की क़ीमत पहले समझाई किसने?

लड़खड़ा रहा है सियासी गुनाहों के बोझ से
मुस्तक़बिल को ये राहगुज़र दिखाई किसने?

चुनाव जीत कर ख़ुद को राजा समझ लेना
ज़म्हूरियत को ऐसी अदा सिखलाई किसने?

भेड़ों की मंज़िल एक है बस मौत का कुआँ
मग़र बाँसुरी जुमलों की यहाँ बजायी किसने?

@भूपेश पन्त

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