तानाशाह का बिन्दुवार चरित्र (!) चित्रण
1. तानाशाह के पास न तो सेंस होता है और न ह्यूमर 2. तानाशाह व्यंग्य और उपहास में फ़र्क़ नहीं कर पाता 3. तानाशाह कायर, बेवकूफ़ और बेशरम होता है…
लोकतंत्र! अंतिम प्रणाम?
हर दिन बातों से तमाम करते हो सुना है कि तुम क़त्लेआम करते हो। बन गये हो दानिशमंद अब इतने सुई घुमा के सुबह को शाम करते हो। देखी नहीं…
आप जानते हैं… मानते नहीं !
नीचतम से भी इतिहास में शुमारी हो सकती हैकिसी मूर्खतम को ही ऐसी बीमारी हो सकती है। हँसी आती है आज जो उनकी लानतें देख करतय है यही हालत कल…