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सटायर हिन्दी

विद्रूपताओं का आईना

वो एक ठग है और ठगी ही उसका विचार है। वो ठगी का उस्ताद है और इस पेशे में अपने परिवार को भी नहीं छोड़ता। उसकी बस एक ही मज़बूरी है और वो है अपने सीधे सादे मुरीदों को ठगना। उन्हें ठगे बिना वो अपने विरोधियों को ठग ही नहीं सकता। आजकल वो प्रधान ठग है।

उसकी सबसे बड़ी ठगी की मिसाल दूँ तो कुछ साल पहले उसने एक बड़ी महल नुमा इमारत में डीलक्स फ्लैट दिलाने के नाम पर कई लोगों से बुद्धि और पुश्तैनी ज़मीन दोनों गिरवी रखवा दिये। शर्त ये भी थी कि उन्हें महल भी मिलजुल कर खुद ही बनाना होगा। कइयों ने झांसे में आकर कल्पनाओं के सहारे और कुछ ने ठगी में शामिल होकर महल बनाना शुरू कर दिया।

पांच साल में जब तक महल का निर्माण ख़त्म हुआ तब तक सारे लोग मकान बनाना सीख चुके थे। इस दौरान उनका कौशल विकास हो चुका था लिहाज़ा सबको एक एक प्रमाण पत्र थमा कर ठग ने उन्हें एक और महल बनाने के लिये किसी अलायंस कंपनी को ठेके पर दे दिया है। तब से ठग खुद प्रधान बन कर उसी महल में रह रहा है और उसके मुरीद चुपचाप मज़दूरी कर रहे हैं।

अब अगर किसी मुरीद को पता चल भी गया हो कि विरोधियों को ठिकाने लगाने के नाम पर खुद उसका पप्पू बन गया है तो क्या वो बताएगा? जग हँसाई का डर इतना बड़ा होता है कि उसकी आड़ में सत्य बादलों में सूरज की तरह छुप जाता है। प्रधान ठग के सामने युधिष्ठिर भी जीतने की लालसा नहीं हारता जब तक कि द्रौपदी का चीर हरण न हो जाए। जो एक बार इस चौपड़ के खेल में फंस गया वो नंद लाल के भरोसे।

इस ठग ने अपनी विद्या को साध लिया है। दुनिया इधर की उधर हो जाये लेकिन वो अपने लिये अवसर ढूँढ ही निकालता है। एक बार तो मजमा दिखाते वक़्त ऐसा फँसा कि इज्ज़त पर बन आयी। तब उसने खुद को सरे बाज़ार नंगा करके अपनी इज्ज़त बचा ली। उसे पता था कि शर्मदार खुद मुँह फेर लेंगे और बाकी नंगे उसके बदन से कपड़ों की तरह लिपट जाएंगे। नंगा हुआ तो हुआ लेकिन कोई ये मानने को तैयार ही नहीं तो फिर क्या कर लोगे आप?

ठग विद्या का माहिर ये शख्स खास तौर पर कपड़े और चेहरे बदलने में भी माहिर है बात बदलने के अलावा। सुना है कि रात को जब लोग न्यूज चैनल देख रहे होते हैं, ये ठग श्मशान में जा कर काली शक्तियों से सबकी बुद्धि हर लेने की कामना करता है ताकि उसका ठगी का धंधा चलता रहे। चैनल वाले ज़रूर इन काली शक्तियों से मिले हुए हैं।

बहरहाल आप सतर्क रहें और अपने आसपास सफाई रखें। ऐसे लक्षणों वाले क़रीबी व्यक्ति से भी उचित दूरी बनाये रहें। मुँह पर मास्क लगा कर रखें उसकी तरह मुखौटा नहीं। ऐसे दौर में जब पूरी दुनिया में ठगी का धंधा जोरों पर हो अगर कोई आपसे पॉजीटिव होने को कहे तो उसके झांसे में बिल्कुल न आयें। हो सकता है वो वही ठग हो जो आपसे बीमारी को दावत देने को कहकर खुद कहीं निगेटिव जगह पर दावत उड़ाने जा रहा हो।

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