कविता चुनावी होली ! आज़ाद रंगों की जब छूटी फुहारहम भी हुए तैयारप्रण कर लियानेता को रंग लगाएंगेबिल्ली के गले में घंटी बांधेंगेतभीगुझिया और भांग…