कविता यदा यदा हि मर्मस्य…. आज़ाद रोज़ कहते हैं हरम में जाने से पहलेमेरी वफ़ा का हर कोई तलबग़ार है। सुना है ये जुमला सरदार के…
सटायर व्यूज बजट, सपने और आपके अंडे आज़ाद मुंगेरीलाल मुग़ल काल का पहला बजट देख कर सो गया है। आज उसे फ़िर से अच्छे दिन का सपना आ…