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यदा यदा हि मर्मस्य….

रोज़ कहते हैं हरम में जाने से पहलेमेरी वफ़ा का हर कोई तलबग़ार है। सुना है ये जुमला सरदार के बाद सेतेरी ज़म्हूरियत में बहुत असरदार है। नहीं बदलेगी ज़ेहनियत…

राजा नंगा है !

तुम जिसे कहते हो सियासतबस एक कुर्सी का पंगा है। भैंस मर गयी खेती सूख गयीबाक़ी सब कुछ चंगा है। दरवाज़े पे कोई दे रहा दस्तकनेता है या भिखमंगा है।…