1. तानाशाह के पास न तो सेंस होता है और न ह्यूमर
2. तानाशाह व्यंग्य और उपहास में फ़र्क़ नहीं कर पाता
3. तानाशाह कायर, बेवकूफ़ और बेशरम होता है यानी जो कहता है वो करता नहीं और जो करता है वो कहता नहीं
4. तानाशाह कितने भी क़ीमती कपड़े पहन ले वो सबको असलियत में नंगा ही दिखाई देता है
5. तानाशाह अपनी आलोचना बिल्कुल पसंद नहीं करता
6. तानाशाह अपने चापलूसों की नज़र में सबसे बड़ा बेवकूफ़ होता है जिससे वो अपना हित साधते हैं
7. तानाशाह हमेशा धर्म, जाति, नस्ल और राष्ट्रवाद में से किसी एक या सबका इस्तेमाल सत्ता के लिये करता है
हिटलर और मुसोलिनी
8. तानाशाह हमेशा युद्ध की स्थिति बना कर रखता है चाहे वो सीमा पर हो या भीतर
9 तानाशाह कला, साहित्य और संस्कृति के हर रूप को अपने हित में ढालने की कोशिश करता है
10. तानाशाह इस हद तक आत्ममुग्ध होता है कि गंदे शीशे तक में अपना मुँह नहीं देख पाता
11. तानाशाह को तरह-तरह की मुद्राओं में अपनी तस्वीरें खिंचवाने का बहुत शौक होता है
12. तानाशाह ऐतिहासिक रूप से अधिकतम दस बारह वर्ष तक ही सभी को मूर्ख बना पाता है
13. तानाशाह आलोचना के नाम पर अपनी परछाई से भी डरता है
14. तानाशाह अपने आदमियों समेत सभी विरोधियों की जासूसी करवाता है
15. तानाशाह केवल अपनी ऐयाशी की सुरक्षा के लिये पुलिस, सेना और खुफ़िया तंत्र का इस्तेमाल करता है
16. तानाशाह एक मानसिक रोगी होता है जिसका मक़सद केवल ख़ुद को इतिहास में दर्ज कराना होता है चाहे वो किसी भी रूप में क्यों ना हो
17. तानाशाह ख़ुद में एक आत्मघाती होता है जो अपने साथ समर्थकों और देश को भी ले डूबता है
18. तानाशाह अपने पूर्व शासकों की आलोचना और खोखली परंपराओं पर गर्व करता है
19. तानाशाह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के जरिये सत्ता में आता है और फ़िर उसे ही खा जाता है
20. तानाशाह विरोधियों पर क़ानून का शातिराना इस्तेमाल पूरी निर्ममता से करता है और ख़ुद के न्यायसंगत होने का दिखावा करता है
21. तानाशाह मूक जानवरों के साथ खेलना बहुत पसंद करता है
22. तानाशाह ख़ुद को मानवीय जताने का दिखावा करता है
23. तानाशाह झूठ को सच और सच को झूठ बनाने में प्रचार तंत्र का इस्तेमाल करता है
24. तानाशाह कभी सच नहीं बोलता और प्रचार के ज़रिये झूठ को सच साबित कर देता है
25. तानाशाह अपनी तारीफ़ करने वालों को बड़े बड़े तोहफ़ों से नवाज़ता है
26. तानाशाह अपने समर्थकों को शिकारी कुत्तों में तब्दील कर देता है
27. तानाशाही का इतिहास गवाह है कि इसकी क़ीमत सबसे ज़्यादा इंसानियत ने चुकाई है
28. तानाशाह मूलतः भ्रष्ट होता है और उसकी ऐयाशी की क़ीमत उसके समर्थक ब्याज़ समेत चुकाते हैं
29. तानाशाह अपने समर्थकों को छ्द्म शत्रु का भय दिखा कर बहकावे में रखने की पुरज़ोर कोशिश करता है
30. तानाशाह ख़ुद के अलावा किसी पर भरोसा नहीं करता
शुक्र है अपने यहाँ तानाशाही नहीं लोकतंत्र है वर्ना ऐसे चरित्र वाले को इस देश की जनता ज़्यादा दिन तक बर्दाश्त नहीं कर पाती। देश, समाज, संविधान, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति, खुशहाली और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर तो हम बर्बाद होते ही होते, उसके समर्थक कहीं निकलने के क़ाबिल भी नहीं रहते।
मुझे अपने देश, उसके संविधान और लोकतंत्र पर इसी लिये गर्व है। मुझे गर्व है अपने नेताओं पर जिनमें ऐसे अवगुण ढूँढे नहीं मिलते।
भविष्य में कभी आपको ऐसे चरित्र का कोई व्यक्ति मिले जो आपका नेतृत्व करना चाहता हो तो उससे देश हित में दूरी बना कर रखें।
@भूपेश पन्त