एक बूढ़ा बाप
बेरोजगार बेटे की लाश लिए
कर्त्तव्य पथ से गुज़र रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
एक उन्मादी
भक्ति मार्ग पर बूटों तले
पीढ़ियों का भविष्य कुचल रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
एक सदमा
अच्छे दिनों की आशा के
लुट जाने की आशंका से उभर रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
एक जवान
दुश्मन के हाथों नहीं
साज़िश की सरहदों पर मर रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
एक सनकी
इधर-उधर की बातों से
पागलों का मनोरंजन कर रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
एक कड़वा सच
सुन्न पड़ी दिमागी नसों में
पिघले शीशे सा उतर रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
एक झूठ को
सौ झूठों का बाप बनता देख
जाने क्यों हाकिम डर रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
एक तीर
तर्को के तरकश का
निर्लज्ज सत्ता को अखर रहा है
मेरा देश गर्व से भर रहा है।
क्या वाकई!
@भूपेश पन्त