• Thu. Nov 21st, 2024

सटायर हिन्दी

विद्रूपताओं का आईना

गौरव-पथ लथपथ

Byआज़ाद

Feb 8, 2023

 

एक बूढ़ा बाप

बेरोजगार बेटे की लाश लिए

कर्त्तव्य पथ से गुज़र रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

 

 

एक उन्मादी

भक्ति मार्ग पर बूटों तले

पीढ़ियों का भविष्य कुचल रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

 

 

एक सदमा

अच्छे दिनों की आशा के

लुट जाने की आशंका से उभर रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

 

 

एक जवान

दुश्मन के हाथों नहीं

साज़िश की सरहदों पर मर रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

 

 

एक सनकी

इधर-उधर की बातों से

पागलों का मनोरंजन कर रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

 

 

एक कड़वा सच

सुन्न पड़ी दिमागी नसों में

पिघले शीशे सा उतर रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

 

 

एक झूठ को

सौ झूठों का बाप बनता देख

जाने क्यों हाकिम डर रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

 

 

एक तीर

तर्को के तरकश का

निर्लज्ज सत्ता को अखर रहा है

मेरा देश गर्व से भर रहा है।

क्या वाकई!

 

 

@भूपेश पन्त

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *