लघुकथा सटायर व्यूज अलविदा: एक शोक संदेश आज़ाद एक बेचारा दो हजारी तिल तिल कर मरने के लिये छोड़ दिया गया है। उसके अवसान का दिन भी तय…
लघुकथा सावधान! आज़ाद कोई आधी रात के घोर अंधेरे में मेरे घर का दरवाज़ा ज़ोर ज़ोर से खटखटा रहा है। मुझे लगता है…