गौरव-पथ लथपथ
एक बूढ़ा बाप बेरोजगार बेटे की लाश लिए कर्त्तव्य पथ से गुज़र रहा है मेरा देश गर्व से भर रहा है। एक उन्मादी भक्ति मार्ग पर बूटों तले पीढ़ियों का…
वो बन्दी भीगी भागी सी…
सात साल पहले एक बन्दी मिली थी, हट्टी कट्टी सी, अब तक याद आती है जब जब याद आती है, एक आह सी निकल जाती है उसकी शोख अदाओं ने…
बौनों का देश और गुलीवर!
राष्ट्रवाद की सुनामी ने गुलीवर को उस टापू पर ला पटका है जहाँ कई सालों से बौनों का राज है और बौनों की ही प्रजा। आम तौर पर सब मिलजुल…