वो बन्दी भीगी भागी सी…
सात साल पहले एक बन्दी मिली थी, हट्टी कट्टी सी, अब तक याद आती है जब जब याद आती है, एक आह सी निकल जाती है उसकी शोख अदाओं ने…
चुनावी होली !
रंगों की जब छूटी फुहारहम भी हुए तैयारप्रण कर लियानेता को रंग लगाएंगेबिल्ली के गले में घंटी बांधेंगेतभीगुझिया और भांग खायेंगे। धन्यभागनेताजी के दर्शन हुएश्वेत वस्त्र भी थे धुले हुएनेताजी…