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अमृत काल का गब्बर !

कालिया – सरदार, उसने आज हमारी ही ज़मीन पर खूँटा गाड़ा। गब्बर – अब आएगा मज़ा, सबने मेरा नमक खाया है। कालिया – लेकिन कोई इसके लिये गाली खाने को…

ये… क्या हुआ !

एक समय की बात है, एक बार एक बेहद धूर्त और चालाक सियार था। रामगढ़ के बीहड़ जंगल में सियारवाद फैलाने के मक़सद से वो सिंह की जगह जंगल का…