सटायर रीमिक्स अमृत काल का गब्बर ! आज़ाद कालिया – सरदार, उसने आज हमारी ही ज़मीन पर खूँटा गाड़ा। गब्बर – अब आएगा मज़ा, सबने मेरा नमक खाया…